How to change your future by working on NOW in Hindi 2025
आपकी लाइफ और कुछ भी नहीं बस आपके प्रेजेंट मोमेंट्स का एक कलेक्शन है. दोस्तों अगर आज के वक्त में 100 लोगों से पूछा जाए की कौन से ऐसे इमोशंस है जो उन्हें सबसे ज्यादा बुरा फील कराते हैं तो उनमें से 99% लोगों का जवाब होगा उनके पास्ट से जुड़े रिग्रेट और फ्यूचर की टेंशन और एंजायटी यानी पहले क्या हुआ था उसका पछतावा और आगे क्या होगा उसकी चिंता। असल में आप दिन भर में जो कुछ भी सोचते हो जिसे सोच-सोच कर आपको स्ट्रेस और एंजायटी होती है वो सभी थॉट्स अधिकतर समय आपके पास्ट और फ्यूचर से रिलेटेड होते हैं क्योंकि लोगों को पास्ट से सीखना और फ्यूचर के लिए प्लानिंग करना तो आता है लेकिन उन्हें आज में! अभी मैं! इस मोमेंट में! पुरी तरह से कैसे जीना है यह आता ही नहीं है।
जबकि आपका यह प्रेजेंट मोमेंट आपका नाम कल को आपका पास्ट बन जाएगा और आपका फ्यूचर भी इसी बात पर डिपेंड करता है की आप आज अभी इस मोमेंट में क्या करते हो। जैसे ही आप अपने पास्ट और फ्यूचर से अलग हो जाते हो तो आप प्रेजेंट की शक्ति को महसूस कर पाते हो और इसी में खो जाते हो। बिल्कुल वैसे ही जैसे आप बचपन में जिया करते थे। इस वर्ल्ड की मोस्ट फेमस और सक्सेसफुल टीवी होस्ट एक्ट्रेस ऑथर और बिजनेसवुमन Oprah Winfrey कहती हैं प्रेजेंट में जीने का अर्थ है पास्ट को जान देना और फ्यूचर का इंतजार ना करना! यानी अपनी लाइफ को कॉन्शियसली जीना और इस बात से अवगत होना की हर पल जो आप सांस लेते हो वो एक उपहार की तरह है।

आइये Power of now को बिल्कुल एक छोटे और सिंपल से उदहारण से समझते हैं आपको सुबह जल्दी उठाना था लेकिन आप लेट उठे अब उठाते ही आपको टेंशन होगी की यार मैं आज भी लेट हो गया। अब शायद आगे पूरा दिन भी खराब जाएगा! ए करी आपने जो हो सकता है उसकी टेंशन यानी फ्यूचर की टेंशन! फिर आप सोचोगे की काश मैं कल रात टाइम से सो जाता। मैं हमेशा लेट उठाता हूं! अब यह हुई जो बीत गया यानी आपके पास का रिग्रेट और पछतावा।
अब इससे होगा क्या आपका प्रेजेंट मोमेंट में यानी NOW में आपका मूड खराब। फिर आप अपने एक्शन भी वैसे ही लोग जैसा आपका मूड होगा उसीके अकॉर्डिंग ये साइकिल हर बार हर मोमेंट आपके साथ चलती रहती है और आपको इसका अंदाज़ तक नहीं है। जबकि आपके पास में क्या हो गया है और फ्यूचर में क्या हो सकता है। इसमें आपका कंट्रोल नहीं है और ना ही आप इसे 100% कंट्रोल कर सकते हो।
लेकिन जो चीज आप कंट्रोल कर सकते हो वो है आपका प्रेजेंट मोमेंट आपका का NOW. आप प्रेजेंट में क्या कर सकते हो इसमें आपका कंट्रोल है आप गलती से लेट उठने के बाद ये भी सोच सकते हो की जो हो गया शो हो गया मैं अभी अपने प्रेजेंट मोमेंट को फोकस करूंगा अपने NOW में बेस्ट दूंगा और प्रोटेक्टिव रहूंगा। फिर आप यही सोच को फॉलो करते हुए अपने हर एक प्रेजेंट मोमेंट में पुरी तरह अपना बेस्ट और प्रोडक्टिव देने का ट्राई करोगे और आपका पूरा दिन इस के अकॉर्डिंग जाएगा और जब आपका सोने का प्रेजेंट मोमेंट और टाइम आएगा तो आप उसे पर फोकस करते हुए अपना बेस्ट देके अपना फोन टाइम से बंद करके सोने चले जाओगे बिना कल यानी फ्यूचर की जनता किये, की कल जल्दी उठाना है और जब आप टाइम से सो भी जाओगे तो टाइम से उठ भी जाओगे। क्योंकि जब आप पास्ट में ज्यादा जीते हो तो Guilt, Regret, Anger जैसे इमोशंस को महसूस करते हो। वहीं अगर आप फ्यूचर में जीते हो तो आपको स्ट्रेस, एंजायटी और टेंशन होती है।
आप जिसके बड़े में सोच-सोच कर परेशान हो की वो फ्यूचर में हो या नहीं अगर नहीं हुआ तो उसे सोच कर दुखी हो अगर हो गया तो उसे सोच कर खुश हो ऐसे जीना ऐसा ही है। जैसे आप एक स्टेशन पर एक ट्रेन का वेट कर रहे हो आपको नहीं पता की आपने वो ट्रेन मिस कर दी या फिर वो ट्रेन अभी आएगी और आपका ये मानना है की जब तक आप ट्रेन में नहीं बैठोगे तब तक आपकी जर्नी स्टार्ट नहीं होगी। ऐसे तो आप उसे स्टेशन पर ही खड़े रह रहोगे जैसा की जॉन लेनन कहते हैं Life is what happens when you’re busy making other plans। यानी लाइफ वही है जो आपके साथ तब होती है जी दौरान आप दूसरे प्लांस बनाने में बीजी होते हो। अगर आप देखो तो आपका पास्ट और कुछ नहीं बल्कि कई सारे प्रेजेंट मोमेंट्स हैं जो जा चुके हैं जिन्हें आज आप अपना पास्ट बोलते हो और आपका फ्यूचर उन सभी प्रेजेंट मोमेंट्स का कलेक्शन है जो अभी आपको एक्सपीरियंस करना बाकी है। इसीलिए प्रेजेंट के अलावा किसी भी और मोमेंट में जीना एक भ्रम में जीने की तरह है।

अगर अगले 30 दोनों में आपका बहुत इंपॉर्टेंट एग्जाम है तो इस बात पर पछताने का आपने पास्ट में पूरे साल कुछ नहीं पढ़ा, आपका सिलेबस कंप्लीट नहीं हुआ, और खुद को कोसाना के काश और पढ़ाई कर ली होती इससे कुछ नहीं होने वाला ना ही ये सोने से ये एग्जाम बहुत मुश्किल होगा अगर ये क्लियर नहीं हुआ तो मैं क्या करूंगा इससे ना आप पास्ट में जाकर उसे चेंज कर रहे हो ना ही फ्यूचर को बेहतर बना रहे हो। अगर वेस्ट हो रहा है तो आपका प्रेजेंट आपकी लाइफ आगे बढ़ ही नहीं रही आप बस पेस्ट और फ्यूचर में फैंस चुके हो जहां आप कुछ नहीं कर सकते। जहां आप एक्चुअल में एक्शन ले सकते हो वो है आपका प्रेजेंट मोमेंट। एग्जाम में 30 दिन बच्चे हैं तो जो चीज आपके लिए सबसे बेस्ट है वो है अभी इसी मोमेंट में पढ़ाई करना बस और कुछ भी इंपॉर्टेंट नहीं है। आप अपने प्रेजेंट मोमेंट में कैसे जी रहे हो हर एक मिनट क्या एक्शन ले रहे हो। क्या कर रहे हो एक-एक मिनट आप जो कुछ भी करके आगे बढ़ते जाओगे वही आपका पास्ट बनता जाएगा। जो आपके फ्यूचर को शिफ्ट करेगा अगर आप खुश रहना चाहते हो तो सिर्फ और सिर्फ अपने आज में, अपने NOW में जीना शुरू कर दो। इसका यह मतलब नहीं है की आप फ्यूचर के लिए सोचो ना या पास्ट की मेमोरी को भूल जाओ।
प्रेजेंट में रहने का मतलब है हर मोमेंट वो करना जो आपके लिए जरूरी है बस और कुछ नहीं अगर आप इस बात को समझ जाओ तो आपकी लाइफ बहुत आसन और खुशहाल हो जाएगी। आपकी लाइफ का सारा दुख दर्द सिर्फ उन चीजों की वजह से है जिन्हें आप आज कंट्रोल नहीं कर सकते या बदल नहीं सकते दोस्तों आपकी लाइफ में जितना भी दर्द है, जितनी भी प्रॉब्लम्स हैं, जो भी चीज आपको तकलीफ दे रही है इन सारी चीजों की वजह ये है की कही न कही आप कुछ बदलना चाहते हो! पर बदल नहीं पा रहे हो। का रहे क्या आपका उसे पे अभी now में कोई कंट्रोल नहीं है अब ये प्रॉब्लम्स और सिचुएशंस कुछ भी हो सकती हैं! कुछ भी!! आपने अपने पास्ट में जितने भी एक्शंस लिए, जो कुछ भी करा, जितनी मिस्टेक करी जिसकी वजह से आज आपकी लाइफ की एक सिचुएशन है अब आप अपने पास्ट को बदल तो नहीं सकते। जिससे आपकी यह सिचुएशन वैसे हो जाए जैसी आप चाहते हो और अगर आप अपने इस प्रेजेंस में भी कुछ नहीं करोगे सिर्फ सोच-सोच कर इससे भी वेस्ट जाने दोगे तो यही प्रेजेंट मोमेंट आपके फ्यूचर का पास्ट बन जाएगा और आप फिर इस सिचुएशन में वापस आ जाओगे और ये साइकिल हमेशा चलती रहेगी।
अब जितना उन चीजों को बदलने की कोशिश करोगे जो आपके बस के बाहर है आपको उतना ही दुख और दर्द सहन पड़ेगा। चाहे अपनी लाइफ को आज इसे बेहतर बनाना हो, कोई एग्जाम की अच्छे से तैयारी करनी हो! कोई बुरी जॉब छोड़ के अच्छी जब को ट्राई करना हो। या टॉक्सिक रिलेशनशिप को छोड़ ना हो। यह सब चीजों को आप कंट्रोल कर सकते हो। लेकिन जिन पास्ट की चीजों में अभी प्रेजेंट कमेंट में आपका कंट्रोल नहीं है उसे आपको छोड़ना होगा क्योंकि उससे पकड़ के रखा तो दर्द आपको ही होगा अपनी मंजिल के लिए obsessed ना होना बल्कि जर्नी पर भी फोकस करो।
हम में से ज्यादातर लोग जो एक गलती आम करते हैं वो है की हम अपने गोल को लेकर इतना ज्यादा obsessed और सीरियस हो जाते हैं की हम इस के बारे में सोचते रहते हैं। यह हो गया तो क्या होगा यह नहीं हुआ तो क्या होगा और पास इस बड़े चैलेंज को ओवरकम करने के चक्कर में हम उन कई छोटे मोटे चैलेंज को ओवरकम करना भूल जाते हैं जो इस बड़े चैलेंज को ओवरकम करने के लिए जरूरी है। यह ऐसा ही है जैसे मान लो आपको एक पहाड़ चढ़ना है और आपका ध्यान सिर्फ कल तक उसे पहाड़ की छोटी तक पहुंचने पर ही होगा! दोस्त पहाड़ को चढ़ना में आपको आज जो प्रॉब्लम्स आएँगी आप उसे फेस नहीं कर पाओगे इसीलिए ये याद रखो “keep the goal in sight but focus on the journey” यानी अपने गोल को ध्यान में जरूर रखो लेकिन उसे गोल तक पहुंचने के बीच में जो जर्नी है उसे पे फोकस ज्यादा रखो। फ्यूचर और पास्ट बस आपके दिमाग के अंदर है इनके बारे में सोचना आपको अपने प्रेजेंट से विचलित कर देता है।

सिर्फ और सिर्फ आपका प्रेजेंट ही रियल है आपका इस जर्नी में, सेफ डेवलपमेंट में, करियर में, रिलेशनशिप में आपने अब तक क्या करा या आप आगे क्या करने वाले हो इन सब से बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है की आप अभी क्या कर रहे हो। इसीलिए अपने प्रेजेंट को यह जैसा भी हो अच्छा या बुरा इसे स्वीकार करो अपने विचारों को अपने ऊपर हावी मत होने दो और उसके बाद सोचो की आप अपनी लाइफ को अपने आप को बटर करने के लिए अभी इस वक्त प्रेजेंट मोमेंट में अपने now में क्या कर सकते हो।
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