“हेलन केलर यानि, हिम्मत की वो मिसाल, जो इस दुनिया में न उनसे पहले किसी ने कायम की न उनके बाद कोई और कर सका |” नमस्कार दोस्तों , आज हम हेलेन केलर (Helen Keller) जो की पहली Deaf-Blind लड़की थी, जिसने स्नातक किया, दुनिया उसे Helen Keller के नाम से जानती है | आज हम इन्ही महान आत्मा के बारे में चर्चा करने वाले हैं हमारे कई दोस्तों को हेलेन केलर बारे में जानकारी (Helen Keller information in Hindi) चाहिए थी |
Helen Keller उन महान महिलाओ में से थी, जिन्होंने अपने जीवन में मुश्किल परिस्थितयो में भी घुटने नही टेके | जिन मुश्किल परिस्थितियों के बारे में हम सोचकर ही डर जाते हैं, एसी विसम परिस्थितियों में Helan Keller ने अपना जीवन जिया और हिम्मत की एक मिसाल कायम करी |
तो चलिए Helen Keller के जीवन परिचय (biography of Helen Keller in Hindi) के बारे में बात करते हैं.|
हेलन केलर का जीवन परिचय लघुत्तम रूप में (helen keller biography in hindi):
नाम | हेलेन ऐडम्स केलर |
जन्म | 27, जून 1880 |
जन्म स्थान | अलाबामा, संयुक्त राज्य अमेरिका |
शिक्षा | B.A (हावर्ड यूनिवर्सिटी) |
पिता का नाम | अर्थर हेनले केलर |
माता का नाम | केट एडम्स केलर |
प्रसिद्ध पुस्तक | The Story Of My Life |
व्यवसाय | लेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता, समाजसेवी |
मृत्यु | 1 जून, 1968 |
मृत्यु स्थान | ईस्टन (कनेक्टिकट) |
Helan Keller Birth :
- Helan Keller का जन्म 27 जून 1880 को अलबामा जो की अमेरीका का शहर है वहाँ हुआ था
- हेलन केलर का पूरा नाम हेलन एडम्स केलर था |
- Helan Keller के पिता का नाम आर्थर एच.केलर था जो सेनाअधिकारी के रूप में कार्यरत थे ,
- माता का नाम केथरीन एडम्स केलर था |
हेलन केलर अपने जन्म के वक्त सामान्य बच्चो जेसी थी लेकिन 19 महीनों बाद हेलन को तेज बुखार हुआ और वह बीमार पड़ गयी |
उन्हें इतना तेज बुखार था की ऐसे मामलो में अधिकांश लोगो की म्रत्यु हो जाती है लेकिन डॉक्टर के अच्छे इलाज और माँ-पापा के आशीर्वाद से बच गयी |
एक बार जब हेलन की माँ ने डोर बजायी तो हेलन ने कोई प्रतिक्रिया नही करी , उनके सामने जब माँ द्वारा हाथ हिलाया गया तब भी उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नही करी , जब उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो पता चला की “हेलन को दिखाई और सुनाई देना बंद हो चूका है “|
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अब हेलन के परिवार के लिए बहुत कठिन दौर शुरू होने वाला था | और उनके पेरेंट्स के सामने ये भी निर्णय कर पाना मुश्किल था की अब इसको शिक्षा केसे दी जाये | ऐसा शिक्षक कोन होगा जो इसे अच्छी तरह पढ़ा पाए और यह अच्छे से पढ़ पाए |
हेलन केलर को सुनाई और दिखाई नही देता था अतः वह ना तो किसी से बोल पाती थी और ना ही अन्य बच्चो के साथ खेल पाती थी |
Helen Keller के माता-पिता ने उनको कई डॉक्टर्स को दिखाया लेकिन इससे कोई लाभ नही हुआ | फिर कुछ दिन बाद हेलन की माँ की मुलाकात डॉ. माइकल अनेग्रस से हुई | और इन माइकल अनेग्रस ने उन्हें एक कुशल शिक्षिका से मिलवाया | जो बहुत ही अच्छी और कुशल शिक्षिका थी |
इन शिक्षिका का नाम “एनि सुलिव्हान” था। अब हेलन के माता-पिता को थोडा ठीक महसूस हो रहा था की उनकी बच्ची के लिए एक अच्छी शिक्षिका मिल चुकी है |
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“एनि सुलिव्हान” 3 मार्च 1887 को पहली बार हेलन के घर उसे पढ़ाने के लिए पहुची और यही से हेलन की जिन्दगी बदलने का पड़ाव शुरू हो चूका था |
हेलन एक बहुत ही चंचल लड़की थी, वो कभी अपनी टीचर की बात सुनती तो कभी झुंझला के गुस्सा हो जाती | सुलिव्हान को भी पता था की इस समय हेलन का स्वभाव ऐसा होना आम है |
अतः सुलिव्हान ने हेलन को परिवार से दूर रखने की इजाजत मांगी , हेलन के माता-पिता के हाँ कहने पर सुलिव्हान पास ही के एक कोटेज में हेलन के साथ रहने लगी |
अकेले रहकर हेलन को संभाला सुलिव्हान के लिए आसन नहीं था | क्योंकि हेलन मकान में इधर-उधर चल जाती थी |
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सुलिव्हान को जब भी हेलन को किसी वस्तु के बारे में बताना होता, तो वह हेलन की हथेली पर अपनी उंगलियों से उसे लिख देतीं, जेसे की सबसे पहले उन्होंने हेलन को D-o-l-l (Doll) लिखकर बताया और हेलन के लिए लाई हुई एक गुड़िया उसके हाथ में रख दी |
हेलन को यह बहुत अच्छा लगा, अब वह और भी वस्तुओ को जानने के लिए उत्सुक हो गई, हेलन कुछ भी सामान को हाथ लगाती और सुलिव्हान से उसका नाम हथेली पर लिखने के लिए इशारा करती |
शुरुआत में Sullivan ने उसे D-O-L-L, M-I-L-K, J-U-G, W-A-T-E-R जैसे शब्द सिखाए, हेलन के लिए M-I-L-K शब्द बहुत रोमांचक था क्योंकि सुलिव्हान ने हेलन का हाथ हैंडपंप से निकलते पानी के नीचे रख दिया, इसके बाद उसके हाथ पर WATER लिखा |
इसके बाद सुलिव्हान ने हेलन के माता-पिता से बात करी और उन्हें कहा की हेलन को “नेत्रहीनों के पार्किंन इंस्टिट्यूट” में भेज दिया जाए और उन्हें इस शिक्षा से भी अवगत कराया जाए।
सुलिव्हान की बात मानकर हेलन के पिता ने हेलन को वहां भेज दिया , वहां रहकर हेलन ने 6 साल तक ब्रेल लिपि सीखी |
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Helen Keller अब बहुत ही बुद्धिमान लड़की बन गयी थी , हेलन में हर बार कुछ नया सिखने की उत्सुकता देखी जा सकती थी | 12 साल की आयु में वह बोलने भी लग गयी थी |
हेलन में अब सोचने समझने की शक्ति आ चुकी थी , उसने अपने आस-पास के भावो को पहचानना , समझाना शुरू कर दिया था | इसी तरह हेलन ने अपना जीवन का लक्ष्य भी निर्धारित किया और न्यूयॉर्क के “राइट-हमसन स्कूल फॉर डीप” में सांकेतिक भाषा सीखी।
सन् 1904 में Helen Keller ने रेडक्लिफ कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त करी , हेलन यहाँ सामान्य छात्रों के साथ पढ़ती थी | यहाँ पढने के साथ-साथ उन्हें लिखने का भी शोक हुआ और वह लिखने भी लगी |
हेलन ने अनेको भाषाए भी सीखी जिनमे अंग्रेजी, लैटिन, ग्रीक, फ्रेंच और जर्मन प्रमुख थी |
Helen Keller के संघर्षों का दौर :
अपने जीवन में इतनी तकलीफों के बावजूद हेलन ने जिस तरीके से चीजों को समझा, पहचाना साथ ही साथ अपने आप को पहचाना की अगर संघर्ष किया जाये तो कोई भी मुश्किल आसानी से पार की जा सकती है |
इसी सोच के दम पर हेलन ने समाज के हित के लिए भी कई उपयोगी कदम उठाये और वह लोगो को जागरूक करने के लिए निकल पड़ी |
उन्होंने देश में जगह-जगह घूम कर अपनी कहानी बताई ताकि लोग उन्हें देखकर प्रेरित हो सके | और उन्होंने समाज में महिलाओ के सामान अधिकारों के लिए आवाज भी उठाई |
हेलन ने यह साबित कर दिया की ” शरीर की अपंगता इंसान के जज्बे से ऊपर नहीं है , अगर मन में विस्वास हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है | बस जो लोग निराशा और आलस में भरे हुए है वही आगे नहीं बढ़ पाते |
Helen Keller Awards and Honors:
- हेलेन केलर (Helen Keller) को सन् 1936 में “थियोडोर रूजवेल्ट विशिष्ट सेवा पदक” से सम्मानित किया गया।
- सन् 1964 में उन्हें “राष्ट्रपति स्वतंत्रता पदक” से सम्मानित किया गया।
- सन् 1965 में उन्हें “वीमन हॉल ऑफ फेम” में चुना गया।
- उन्हें स्कॉटलैंड की ग्लासगो यूनिवर्सिटी और जर्मनी की बर्लिन यूनिवर्सिटी और उसके साथ ही भारत के दिल्ली विश्वविद्यालय से “मानद डॉक्टरेट” की उपाधि भी दी गई।
- हेलन की जीवन से प्रभावित कई नाटक, टीवी सीरियल और फ़िल्में भी बनाई गई हैं, 2005 में आई ‘Black’ फ़िल्म हेलन की ज़िंदगी से ही प्रभावित है, इस फ़िल्म में रानी मुखर्जी ने एक दृष्टिहीन-बधिर लड़की का किरदार निभाया है और अमिताभ बच्चन ने उसके टीचर का, |
Helen Keller Death:
1 जून 1968 को हेलन ने सोने के लिए आँखे बंद करी उसके बाद वह उठी ही नहीं , अपने जीवन के अंतिम दिनों में वह अपने घर पर ही रही | जीवन के 88 वर्ष में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया |
Helen Keller quotes in Hindi
Motivational thoughts about life in hindi
- कभी भी अपने सर को झुकाओ मत। इसे ऊंचा रखो. दुनिया को सीधी आंखों से देखो।— Helen Keller
- यदि हम अपने कार्य में पर्याप्त समय देते हैं तो, हम जो चाहे वह कर सकते हैं।— Helen Keller
- दुनिया में सबसे दयनीय व्यक्ति वह है, जिसकी दृष्टि तो है लेकिन कोई लक्ष्य नहीं है।— Helen Keller
- चरित्र का विकास आसानी से नहीं किया जा सकता। केवल परिश्रम और पीड़ा के अनुभव से आत्मा को मजबूत, महत्वाकांक्षा को प्रेरित करके ही सफलता को हासिल किया जा सकता है।— Helen Keller
- जीवन एक साहसिक जोखिम है, या फिर कुछ भी नहीं।— Helen Keller
- मैंने शायद ही कभी अपनी कमियों के बारे में सोचा, इसलिए उन्होंने मुझे कभी दुखी नहीं किया। शायद एक आध बार थोड़ी पीड़ा हुई लेकिन वह फूलों के बीच में हवा के झोंके जैसी अस्पष्ट थी।— Helen Keller
- विश्वास वह ताकत है जिससे बिखरे हुई अंधकार दुनिया में भी रोशनी लाई जा सकती है।— Helen Keller
- यदि आप अपना चेहरा सूर्य की तरफ रहेंगे तो आप छाया कभी नहीं देख पाएंगे।— Helen Keller
- जब खुशी का एक दरवाजा बंद हो जाता है तो दूसरा खुलता है लेकिन हम उस बंद दरवाजे की तरफ इतने लंबे समय तक देखते हैं कि जो हमारे लिए दूसरा दरवाजा खोला गया है वह नहीं दिखाई देता।— Helen Keller
- आज की विफलताओं के बारे में मत सोचो बल्कि उस सफलता के बारे में सोचो जो कल आ सकती है।— Helen Keller
- मैं महान और अच्छे काम करना चाहते हूँ लेकिन मेरा यह परम कर्तव्य है कि मैं उन छोटे कार्यों को भी ऐसे करूं, जैसे वह महान और नेक हों।— Helen Keller
- विज्ञान में सभी बुराइयों का इलाज हो सकता है लेकिन उनमें जो सबसे बुरा है, उसका कोई इलाज नहीं है वह है— मनुष्य की उदासीनता।— Helen Keller
- लोगों को सोचना पसंद नहीं है, अगर वह सोचते तो परिणाम जरूर मिलता। लेकिन परिणाम हमेशा सुखद नहीं होते।— Helen Keller
- खुद की तुलना ज्यादा भाग्यशाली लोगों से करने कि बजाये, हमें अपने साथ के ज्यादातर लोगों से करनी चाहिए। और तब हमें लगेगा कि हम कितने भाग्यवान हैं।— Helen Keller
- अगर दुनिया में केवल खुशी होती, तो हम बहादुर और सहनशील होना कभी नहीं सीख पाते।— Helen Keller
- आशावाद वह विश्वास है जिससे हमे सफलता मिलती है। उम्मीद और आत्मविश्वास के बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता।— Helen Keller
- कोई भी प्रयास जो हम कुछ अच्छा प्राप्त करने के लिए करते हैं, वह कभी खोता नही है।— Helen Keller
Helen Keller के बारे में आपको जानकर केसा लगा हमे कमेंट करके जरुर बताये | अगर आपको हमारा लेख (helen keller biography in hindi) पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में भी शेयर करे |
धन्यवाद |
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