Essay on diwali in hindi
Diwali par nibandh:-दीपावली या दिवाली का नाम सुनते है सबके चेहरे ख़ुशी से दमकने लगते है यह भारतवर्ष में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा और प्रसिद्ध त्योंहार है | दीपों के उजाले से सारा संसार दमकने लगता है | दिवाली का त्यौहार भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। जिसे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है |
दीपावली का त्योंहार की तैयारी सभी लोग चाहे वह बड़े हो या बच्चे सभी लोग एक महीने पहले ही शुरू कर देते है क्योंकि ये सबका पसंदीदा त्योंहार है | यह त्योंहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है | आध्यात्मिक रूप से यह “अन्धकार पर प्रकाश की विजय” को दर्शाता है। इस Essay on diwali में हम सीखेंगे की यह त्योंहार क्यों मनाया जाता है , कब मनाया जाता है , पूजन-विधि, हम क्या तैयारी करते है आदि |
दिवाली की कथा:
कथा अनुसार भगवान राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या नगरी पधारे थे | उनके आगमन की ख़ुशी में अयोध्या वासियों ने पूरी नगरी को दीपों से सजा दिया था | चारो तरफ हर्ष और उल्लास का माहोल था | इसी वजह से हम भी दिवाली दीपक जलाकर और पटाखे चलाकर मनाते हैं |
दिवाली की तैयारी:
इसे आम भाषा में स्वच्छता का त्योंहार भी कहा जाता है क्योंकि जब दिवाली आती है तो इसके पन्द्रह दिन पहले से ही तेयारिया शुरू हो जाती है | जिसमे हम घर की साफ़-सफाई करते है , सभी लोग अपने-अपने ऑफिस की साफ़-सफाई करते है , कोई भी पुराना सामान होता है उसे बाहर निकाला जाता है | मकानों पर नया पेंट किया जाता है और बाजार से नया सामान लाया जाता है |
सभी बाजारों में भी साफ़-सफाई अच्छे से की जाती है , बाजारों को एक दुल्हन की तरह सजाया जाता हैं , चारो तरफ रंग-बिरंगी लाइट लगाई जाती है | हर तरफ रौशनी ही रौशनी होती है | ऐसा लगता है की आसमान में बहुत सारे तारे निकाल आये हो | हम अपने परिवारजनों के साथ बाजार में घुमने के लिए जाते है वहा से हम नये कपडे, मिठाईया, पटाखे लेके आते है |
धनतेरस :
कार्तिक मास के तेरहवें दिन धनतेरस मनायी जाती हैं | मान्यताओ अनुसार इस दिन भगवान धन्वन्तरी समुद्र मंथन से अमृत-कलश लेकर प्रकट हुए थे | इस दिन लोग बाजारों से नया सामान खरीदने के लिए उमड़ पड़ते है | इस दिन सोना, चांदी ,स्टील के बर्तन , झाड़ू खरीदना बहुत अधिक शुभ माना जाता है | इसके अलावा लोग नयी गाड़ी, मकान,कपडे और भी जरुरत की चीज़े खरीदते हैं | इस दिन से दिवाली की शुरआत मानी जाती है |

छोटी दिवाली :
दिवाली के एक दिन पूर्व छोटी दिवाली मनायी जाती है जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है | इस दिन मर्त्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है | घर की महिलाओ द्वारा पांच दीपक जलाकर बाहर रख दिए जाते है |
दीपावली कब मनाई जाती है :
यह त्योंहार शरद ऋतु के कार्तिक माह की अमावस्या को धूम-धाम से मनाया जाता है। हिंदु कैलेंडर के अनुसार यह त्योंहार अक्टूबर-नवम्बर मास में मनाया जाता है।
दिवाली/दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का महत्त्व :
दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का बहुत अधिक महत्व है | इस दिन शुभ मुहर्त में संध्या के समय धन की देवि माँ लक्ष्मी तथा भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा, अर्चना, पाठ किया जाता हैं ऐसा करने से सभी आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। व्यक्ति को धन और यश की प्रात्ति होती है। इन्हीं के साथ भगवान राम और हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है |
दीपावली केसे मनाते हैं :
हम लक्ष्मी पूजन करके उसके बाद अपने घर में सभी बड़े-बुजुर्गो को आशीर्वाद लेते है | अपने पड़ोसियों से दिवाली की शुभकामनाये कहने के लिए जाते है | बच्चे पटाखे चलाते है , सब एक-दुसरे के घर दिवाली की राम-राम कहने जाते है | यह सब द्रश्य बहुत ही सुन्दर होता है |
इस दिन क्या दिखना होता है शुभ :
मान्यताओ की मने तो इस दिन घर में बिल्ली और उल्लू दिखना बहुत शुभ माना जाता है वेसे तो बिल्ली रोज हरे घरो में में घुमती रहती है लेकिन वह दिवाली के दिन किस्मत वालो को ही दिखती है और उल्लू लक्ष्मी जी का वाहन है इसका दिखना भी बहुत शुभ माना जाता है |
दिवाली के दुसरे दिन गोवेर्धन पूजा की जाती है , और उसके अगले दिन भाई-दूज का त्योंहार मनाया जाता है | माना जाये तो यह दिवाली का त्योंहार त्योंहारो की एक श्रखंला है | जिसमे धनतेरस से पांच दिन तक चारो तरफ खुशियाँ और हर्षौल्लास होता है |
Diwali par nibandh दिपावली पर कुछ short लाइनें:-
- दिवाली का त्यौहार साल का सबसे बड़ा और हिंदूओ का प्रमुख त्योंहार है |
- दीपावली को दीपों का त्योंहार भी कहा जाता हैं |
- दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या नगरी लौटे थे। भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
- दिवाली का त्योंहार हर साल अक्टूबर-नवम्बर माह में आता है।
- इस दिन सब लोग अपने घरों को एक दुल्हन की तरह सजाते हैं | पुरे भारत में जगह-जगह रौशनी की जाती हैं |
- दीवाली की संध्या में माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
- इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं।
- दीवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं।
- इन दिन बहुत से लोग पटाखे, फुलझड़ी, बम आदि भी जलाते हैं।
- बच्चे अधिकतर खुश होते है क्योंकि उनके लिए ये त्योंहार छुटियो की सोगात लेके आता है क्योकि इस महीने में बहुत सी छुट्टिया पडती हैं |
Diwali par nibandh निष्कर्ष:-
दिवाली बहुत खुशियों भरा त्योंहार है इन पांच दिनों तक हम बहुत हर्षौल्लास के साथ दिवाली का त्योंहार मनाते हैं | इस त्योंहार से जुड़ी हर चीज़ हमे ख़ुशी देती हैं चाहे वह मुम्मी के साथ घर की साफ़-सफाई हो या पापा के साथ बाजार से मिठाई, नये कपड़े लाना हो , चाहे मकान को सजाना हो या रंग-बिरंगी लाइट लगाना हो | हमे बहुत ख़ुशी मिलती हैं |
आशा करता हूँ की आपको ये “Diwali par nibandh” बहुत पसंद आया होगा | ये मेने बच्चो की परीक्षा में पूछे जाने की हिसाब से तेयार किया है | फिर भी कोई कमी रह गयी हो तो इसे सुधारने में आपका सहयोग दे, हमे कमेंट करके जरुर बताये| धन्यवाद
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Very good