हेल्लो दोस्तों, हम आपके लिए लेकर आये है “अपनों से दुखी शायरी ” अपनों की साजिशो से परेशान शायरी, कभी-कभी हम अपनों से किसी बात पर नाराज हो जाते है , और अपनी बात उनको खुलके नहीं बता पाते , तो ये Quotes ही ऐसा रास्ता होता है , जिनके जरिये हम अपना दुःख प्रकट कर सकते है |
तो आइये शुरू करते है आज का लेख :-अपनों की साजिशो से परेशान शायरी

“अपनों की साजिशो से परेशान
जिन्दगी
गेरों से पूछती है तरीका,
निजात का |”
“हमारी किस्मत में कहा लिखा था, आपका साथ
हम तो वेसे ही आपको दिल में बसाये बेठे थे ,
और आप आज तक हमें पराया ही समझ बेठे है |”
“जीना ही नहीं चाहते हम,खुद को मिटाना चाहते है..
आपको लगता है ,हम आपके दुश्मन है ,
इसीलिए आप के हाथो से मरना चाहते है |”
अपनों की साजिशो से परेशान जिन्दगी
“परायो को क्या दोष दू ,अपनों ने ही मार डाला…
अरे जहर ही दे दिया होता ,अभी तक जिन्दा क्यों छोड़ डाला |”
“लम्हों की घुटन , खोफ का तूफान बहुत है ..
मेरी ही तरह,वक्त परेशान बहुत है |”
“इतना गुरुर ना कर ऐ ग़ालिब,
वक्त पूछकर नहीं आता |”

“दुःख इस बात का नहीं की ,
दुश्मनों ने तीर चलाया है …
दुःख इस बात का है की,
निशाना अपनों ने बताया है |”
“हमने उनसे दो-चार बाते क्या कर ली …
अब वो कहने लगे,आप हमे परेशान बहुत करते हो |”
“इतनी बदसलूकी ना करो जिन्दगी ..
हम यहाँ कोनसा बार-बार आने वाले है |”
“अपना दर्द सबको ना बताये ..
क्योंकि…
सबके घर मरहम नहीं होता लेकिन
नमक जरुर होता है |”
“ना जाने कोनसी साजिशो का शिकार हुए ,
जितना साफ़ दिल रखे ,उतने ही दागदार हुए |”
“लोग कहते है ,जो दर्द देता है …
वहीँ दवा देता है |
पता नहीं फिजूल की बातो को कोन हवा देता है |”
“अब गेरों से कोई गिला नहीं मुझे
हमेशा अपनों की साजिशो का शिकार हुआ हूँ …
जिन्हें मेरे होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता ..
पता नहीं क्यों हमेशा , उन्ही का तलबगार हुआ हूँ |”

“इक हादसा ऐसा भी हुआ था …
की जिन्दगी दुबारा महसूस ही नहीं हुई |”
“जिन लोगो पर किया था भरोसा , उन्होंने तोड़ दिया …
जब मिले लोग अच्छे ,हमने भरोसा करना छोड़ दिया |”
“अंधे निकालते है, नुख्स मेरे किरदार में …
बहरे कहते है की ,गलत बोलता हूँ में ..|”
“शिकायत मौत से नहीं जनाब , अपनों से थी ..
जरा सी आँखे क्या बंद हुई,कब्र खोदने लगे |”
अपनों की साजिशो से परेशान शायरी
“आँखों को बहुत खटकने लगे …
बात पे बात जब वकालात हुई |
रेत से बिखर गये रिश्ते सारे ,
दिल की चोखट जब अदालत हुई |”
में बदल ना जाऊ, तेरी ही तरह …
अभी भी है वक्त ,मेरे दोस्त ..
मना ले मुझे |
“कुछ इस कदर हम ,
अपनों से नाराज रहा करते है ..
दुरी बना कर,मौन रह कर,
तकलीफ सहा करते है |”
“कुछ अपने आये थे,
मेरा दुःख बाटने ..
में थोडा खुश हुआ तो ,
खफा होकर चल दिए |”

“अनजान अपने आप से रह गया में ..
उम्र गुजार दी ,अपनों की फ़िक्र में |”
“शामिल थे जिन्दगी में कुछ सस्ते लोग ..
बस सबक जरा महंगा देकर चले गये |”
“निशानी क्या बताऊ ,तुम्हे मेरे घर की …
जहाँ दीवारे उदास लगे, वहीँ चले आना |”
“बेखबर हो गये कुछ लोग ,
जो हमारी जरुरत तक महसूस नहीं करते …
कभी बहुत याद किया करते थे हमें ,
अब खेरियत तक नहीं पूछा करते |”
“अपनों से उतना ही रूठो की …
आपकी बात और सामने वाले की इज्जत दोनों रह जाये |”
“अपने दर्द को हँसकर, सहना क्या सिख लिया हमने …
अपनों को लगने लगा की दर्द ही नहीं होता हमें |”
“आज अकेले है तो क्या हुआ …
कभी हमारा भी कोई हुआ करता था |”
अपनों के लिए मिट जाने का होसला रखते थे …
लेकिन अपने ही मिटा देंगे , ये नहीं जानते थे |
“बहुत कुछ है , इस दिल में आपको सुनाने के लिए
लेकिन वो है की आते ही नहीं , हमें मनाने के लिए |”
“अपनों ने लुटा मुझे , गेरों में कहा दम था |
गम तो सारे अपनों ने दिए , चाहत में जिनकी में गम था |”
“लोग मुझसे कहते है की बदल गये हो तुम …
में भी मुस्कुरा कर कह देता हूँ की
“टूटे हुए फलों का रंग अक्सर बदल जाया करता है “
“हम तो वेसे ही अकेले थे ,
क्या हुआ जो अपनों ने ये एहसास दिला दिया |”
“दुखी होता हूँ ,बहुत ज्यादा में …
जब अपनों का साथ छुट जाता है ..
कुछ कह नहीं पाता,कुछ कर नहीं पाता …
हर बार ये दिल अकेला रह जाता है |”
अपनों से परेशान शायरी
“बहुत अकेला कर दिया, मेरे अपनों ने मुझे…
समझ नहीं आता, बुरे हम है या हमारी किस्मत |”
“जंग अगर अपनों से हो तो…
हारने में ही जित होती है |”
“कुछ अपने ही दुश्मन है , ये भूल जाता हूँ …
सुनकर उनसे मेरी बुराइयाँ …
ना जलकर भी , जल जाता हूँ में ..
उनके दुःख देखकर पिघल जाता हूँ में ..
वेसे तो हर बाजी पलट सकता हूँ में …
फिर भी अपनों के लिए हार जाता हूँ, में |”
“गेरों से क्या शिकायत करना ,
अपनों ने ही दगा किया …
जिनको समझते थे, हम अपना ..
उन्होंने ही हम पर, हर वार किया |”
“गलती होने पर साथ छोड़ने वाले तो बहुत मिल जाते है …
लेकिन गलती होने पर समझाकर ,
साथ निभाने वाले बहुत कम मिलते है |”
“जब लगा तीर ..
तब इतना दर्द ना हुआ ..
दर्द का अहसास तब हुआ ..
जब कमान देखी अपनों के हाथो में |”
“अक्सर वहीं लोग आपको छोड़ देते है ..
जो बहुत जल्दी जल्दी साथ चलने का वादा करते है |”
“जिसे जाना होगा ,
वह किसी भी बहाने से चला जायेगा ..
जिसे देना होगा साथ ,
वह किसी भी बहाने से साथ दे देगा |”
“लड़ना चाहता हूँ अपनों से ..
लेकिन
डरता हूँ की , कहि जित गया तो हार जाऊंगा |”
“रूठ जाने के बाद, चाहे कसूर किसी का भी हो …
बात का आगाज वहीँ करेगा , जिसे अपनों की फ़िक्र होगी |”
“काम निकलते ही ,
अपनों को बदलते देखा है, मेने |”
“अपना और पराया क्या होता है ?
मुझे तो बस यही पता है …
जो भावनाओ को समझे वो अपना
और जो भावना से परे हो , वो पराया ..
जो दूर रहकर भी पास हो , वो अपना …
और जो पास रहकर भी दूर हो , वो पराया |”
“कोशिश ना कर ,
सभी को खुश रखने की ..
कुछ लोगो की नाराजगी भी जरुरी है ,
चर्चा में रहने के लिए |”
“कदर करना सिख लो अपनों की …
ना जिदगी वापिस आती है ,
और ना ही जिन्दगी में आये हुए लोग |”
आशा करता हूँ की आपको ये लेख (अपनों की साजिशो से परेशान शायरी ) पसंद आया होगा , अगर आपके पास भी एसी कुछ शायरी हो तो हमें कमेंट के माध्यम से बताये ..और आपके सुझाव भी हमें प्रदान करे |
धन्यवाद |
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