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आइये शुरू करते है :-अपना पराया शायरी
” हमारी ख़ामोशी को हमारा घमंड ना समझो ,,,
कुछ ठोकरे एसी खायी है ..की
बोलने का मन ही नहीं करता “
” अपना और पराया क्या है …
मुझे तो बस यही पता है..की
जो भावनाओं को समझे “वह अपना “
और जो भावना से परे हो” वह पराया “
ओर जो दूर रहकर भी पास हो “वह अपना “
और जो पास रहकर भी दूर हो” वह पराया “
” लोग कहते हैं कि…
जब कोई अपना दूर चला जाए तो तकलीफ होती है,,,
लेकिन
असली तकलीफ तो तब होती है ..
जब कोई अपना पास होकर भी,, दूरियां बना लेता है “
” झूठा अपनापन तो हर कोई जताता है…
वह अपना ही क्या जो…
पल पल सताता है..
यकीन न करना हर किसी पर
क्योंकि करीब है कितना कोई
यह तो वक्त ही बताता है “
” वक्त ने कुछ ऐसा पेतरा आजमाया
कौन अपना कौन पराया ,,,सब दिखाया
उम्मीद लगा कर बैठे थे जिन रिश्तो से
उन्हीं रिश्तो ने मिट्टी में मिलाया “
” वक्त बुरा हो तो अपनों की पहचान कर लो…
कौन अपना है और कौन पराया
बुरे वक्त में जान लो “
” दबी हुई है कुछ बातें जेहन में…
कहने को मन करता है
कहूं कि से यह दिल की बातें
यहां कोई अपना नहीं लगता है “
” अपना कहने से कोई अपना नहीं होता…
अपना वह होता है जिसे..
दिल से अपनाया जाता है “
” मेरा-तेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया
मन से मिटा दो,,, फिर…
सब कुछ तुम्हारा है, और तुम सबके हो “
” जिंदगी के हर मोड़ पर उन्होंने एहसास कराया है कि…
कौन अपना है और कौन पराया है “
” वक्त मोन है…
समय आने पर बता देता है कि…
किसका कौन है “
अपना पराया शायरी
” अपना जब पराया हो जाता है…
तब उससे बिल्कुल नाता तोड़ देने के अलावा
कोई गति नहीं रहती “
” चाहे अपना हो या पराया… क्या फर्क पड़ता है
विश्वास ज्यादा हो तो ,,उम्मीद ना तोड़िए
उम्मीद ज्यादा हो तो,, विश्वास ना तोड़िए “
” दर्द तो वही देते हैं जिन्हें…
आप अपना होने का हक देते हैं
क्योंकि गैर तो हल्का सा धक्का लगने पर भी
माफी मांग लिया करते हैं “
” मैं हर किसी के लिए अपने आपको…
अच्छा साबित नहीं कर सकता ,,लेकिन
मैं उनके लिए बेहतरीन हूँ ,जो मुझे समझते हैं
इंसान खुद की नजर में सही होना चाहिए
बाकी दुनिया तो भगवान से भी दुखी है “
” कुछ ठोकरो के बाद समझदार हो गए …
हम अब हम दिल के मशवरो पर अमल नहीं करते “
” हमेशा याद रखिए कि…
आपकी सफलता के गुब्बारे में
पहली पिन चुभने वाला..
आपका कोई अपना ही होता है “
” परखो तो कोई अपना नहीं
समझो तो कोई पराया नहीं “
” जिंदगी जोकर सी हो गई है …
कोई अपना भी नहीं
कोई पराया भी नहीं “
” जो लोग मन में उतरते हैं…
उन्हें संभाल कर रखिए
और जो मन से उतरते हैं
उनसे संभल कर रहिए “
” ए दिल ! मुझे ऐसी जगह ले चल
जहां कोई ना हो.. अपना-पराया “
” जब सारे अपनों ने अपना रंग दिखाया
तब अंधेरे में वह चिराग नजर आया
बहुत से रिश्ते नाते बनकर बिगड़ जाते हैं
पर सच्चे दोस्त हमेशा काम आते हैं “
” कुछ हादसे हो जाते हैं जिंदगी में
इंसान जीता तो है लेकिन मुर्दों की तरह “
” ऐसा दिन लाऊंगा
जो लोग छोड़ कर गए हैं
उनसे सॉरी-सॉरी बुलवाऊंगा “
अपना पराया शायरी
” कौन है अपना, कौन है पराया
बहुत कठिन है बतलाना “
” तेरी खामोशी देखकर लगता है…
तेरा भी अपना कोई था
इतना बेदर्दी से बर्बाद..
कोई गैर नहीं करता “
” आपकी भावनाएं ..
आपको केवल उन चीजों से परेशान करती है
जिन्हें आप अपना कहते हैं “
” इस दुनिया में कोई किसी का हमदर्द नहीं होता
लाश को शमशान में रखकर
अपने लोग ही पूछते हैं
और कितना वक्त लगेगा “
” वक्त बताता है,, कौन, कब अपना और पराया है
बातें तो सब अच्छे-अच्छी कर लेते हैं “
” तुम मुझे अपना न पाए ..
हम तुम्हें भुला ना पाए
रास्ते अभी भी रास्तों पर ही है “
>
” वह मेरे हाल पर रोया भी और हंसा भी
अजीब शख्स है
लगता है,, अपना भी और पराया भी “
” बड़े प्यार से पराया कर देते हैं वह लोग
जो जान से भी प्यारे होते हैं “
” परवाह करने वाले अक्सर रुला जाते हैं
अपना कहकर पराया कर जाते हैं
वफा कितनी भी करो, कोई फर्क नहीं पड़ता
मुझे मत छोड़ना कहकर ,खुद छोड़ जाते हैं “
” कुछ गैर ऐसे मिले जो मुझे अपना बना गए
कुछ अपने ऐसे निकले जो
गैर का मतलब बता गये
दोनों का शुक्रिया “
” अपने ही अपनों से करते हैं ,,,
अपनेपन की अभिलाषा
पर अपनों ने ही बदल रखी है
अपनेपन की परिभाषा “
” जिनको समझा हमने अपना
वह पराया कह गए
तब से जिंदगी दुख भरी
किताब हो गई “
अपना पराया शायरी
” शून्य से ही प्रारंभ हो और शून्य में ही मिल जाना है
कौन अपना है ,कौन पराया
आज तक यह किसने जाना है
मिली है जिंदगी, ईमान से जिले इसे
हमे यह गूरूर लेकर कहाँ जाना है “
” सौ खामियां मुझमें सही
पर एक जिद्दी भी है
जिन्हें दिल से अपना माना है
उन्हें आज तक पराया नहीं किया “
” इंसान को कोई परखे भी तो कैसे
है वह अपना या पराया
यह कोई बताए भी तो कैसे
यह सब तो आईना भी सच नहीं बताता..
इन गेरो की बस्ती में
किसी पर कोई ऐतबार,, करे भी तो कैसे “
” जिस पर अहंकार का साया होता है
उसके लिए अपना भी पराया होता है “
” अब तो हर किसी से एक ही सवाल पूछना है …
अपने हो या पराए ?
किसी ने पराया बोला तो,,, वह अपना है
वह जिसने अपना बोला ,,उसका क्या भरोसा है “
” कर दिया पराया तुमने भी…
बातें तो ऐसी करते थे
जैसे कभी भूलोगे ही नहीं “
” परेशानियों का जब परवान चढ़ा
कौन अपना है और कौन पराया,,, पता पड़ा “
” इतना आसान नहीं है,,
अपने ढंग से जिंदगी जीना
अपनों को ही खटकने लगते हैं
जब हम अपने लिए जीने लगते हैं “
” जब से देखी है करीब से,, दुनिया हमने
लगने लगे हैं सारे रिश्ते,, अजीब से “
” तनहाई ने मुझे ऐसा सबक सिखाया है…
कौन अपना है और कौन पराया
यह सब बताया है “
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